PayU receives final RBI approval to operate as an online payment aggregator

भारत की फिनटेक इंडस्ट्री में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। Prosus समर्थित डिजिटल भुगतान सेवा प्रदाता PayU को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से “PayU receives final RBI approval to operate as an online payment aggregator”” शीर्षक के अंतर्गत अंतिम स्वीकृति मिल गई है। यह मंजूरी कंपनी को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में भारत में काम करने की अनुमति देती है। यह मंजूरी लगभग एक साल बाद मिली है, जब अप्रैल 2023 में कंपनी को इन-प्रिंसिपल अप्रूवल दिया गया था।

 

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PayU को क्यों मिली ये मंजूरी?

PayU ने भारतीय बाजार में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में निरंतर नवाचार और पारदर्शिता के साथ काम किया है। कंपनी का इकोसिस्टम सुरक्षित, तेज और व्यापारियों के अनुकूल माना जाता है। RBI द्वारा किसी भी कंपनी को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में मान्यता देने से पहले उसकी कॉर्पोरेट संरचना, डेटा सुरक्षा, ग्राहक सेवा, और वित्तीय प्रबंधन को गहराई से जांचा जाता है।

PayU को यह मंजूरी इसलिए दी गई क्योंकि कंपनी ने नियामकीय आवश्यकताओं को पूरा किया, और अपनी कॉर्पोरेट संरचना को सरल और स्पष्ट बनाया। पहले कंपनी को जनवरी 2023 में लाइसेंस के लिए फिर से आवेदन करने के लिए कहा गया था, क्योंकि उसकी कॉर्पोरेट संरचना जटिल थी।

अब क्या कर पाएगी PayU?

PayU को अब भारत में पूर्ण रूप से ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने की अनुमति है। इसका मतलब है कि कंपनी अब नए व्यापारियों को अपने प्लेटफॉर्म पर जोड़ सकेगी और उन्हें डिजिटल भुगतान सेवाएं प्रदान कर सकेगी। इससे छोटे और बड़े सभी स्तरों के व्यापारियों को लाभ होगा, क्योंकि वे अब PayU के सुरक्षित और तेज पेमेंट गेटवे का उपयोग कर सकेंगे।

इसके अलावा, PayU अपने मौजूदा उत्पाद और सेवाओं को और अधिक प्रभावी तरीके से स्केल कर पाएगी। कंपनी अब वॉलेट इंटीग्रेशन, UPI, कार्ड पेमेंट, EMI विकल्प और ऑटो-डेबिट जैसे फीचर्स के साथ एक मजबूत भुगतान प्रणाली बना सकती है।

कंपनी का आधिकारिक बयान

PayU ने RBI की इस स्वीकृति पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा:

“हमें यह बताते हुए  खुशी हो रही है कि PayU Payments को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से Payment and Settlement Systems Act, 2007 के अंतर्गत ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में कार्य करने की अंतिम मंजूरी मिल गई है। हम RBI द्वारा हम पर जताए गए विश्वास और देश के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में सकारात्मक योगदान देने के अवसर के लिए आभारी हैं।”

अन्य प्रतियोगियों की सूची

PayU अब उन प्रतिष्ठित कंपनियों की सूची में शामिल हो गई है जिन्हें RBI की तरफ से पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने की स्वीकृति दी गई है। इन कंपनियों में Razorpay, Cashfree Payments, CCAvenue, BillDesk जैसी प्रमुख कंपनियाँ शामिल हैं। यह एक बड़ा संकेत है कि भारत का डिजिटल पेमेंट उद्योग अब और अधिक प्रतिस्पर्धात्मक और पारदर्शी हो रहा है।

भारत का डिजिटल भुगतान बाजार

भारत में डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ रहा है। खासकर UPI (Unified Payments Interface) के आने के बाद, देश में पेमेंट का तरीका पूरी तरह से बदल गया है। अब लोग नकद के बजाय डिजिटल माध्यमों से भुगतान को प्राथमिकता दे रहे हैं। ऐसे में पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

PayU जैसी कंपनियाँ व्यापारियों और ग्राहकों के बीच पुल का काम करती हैं। वे भुगतान को आसान, सुरक्षित और तत्काल बनाती हैं। इसके साथ-साथ, ये कंपनियाँ धोखाधड़ी की रोकथाम, डेटा सुरक्षा और ट्रांजैक्शन ट्रैकिंग जैसे फीचर्स भी प्रदान करती हैं।

निष्कर्ष

PayU gets RBI final approval  यह खबर न केवल कंपनी के लिए बल्कि पूरे भारतीय डिजिटल भुगतान उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण है। यह कदम दर्शाता है कि RBI अब उन कंपनियों को ही पेमेंट एग्रीगेटर की मंजूरी दे रहा है जो पारदर्शिता, सुरक्षा और नवाचार के मानकों पर खरी उतरती हैं।

PayU की इस सफलता से व्यापारियों को अधिक विकल्प मिलेंगे और ग्राहक अनुभव में सुधार आएगा। आने वाले समय में PayU भारत के डिजिटल पेमेंट क्षेत्र में और अधिक गहराई से अपनी पैठ बना सकेगी।

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